पाकिस्तान सामरिक महत्व की कंपनियों को छोड़कर बाकी सभी सरकारी कंपनियों को प्राइवेट हाथों में सौंपेगा। इस कदम का मकसद मुश्किल दौर से गुजर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को संकट से उबारना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने 14 मई को यह ऐलान किया। शरीफ ने इस्लामाबाद में निजीकरण मंत्रालय और निजीकरण आयोग से संबंधित मामलों पर एक समीक्षा बैठक की, जिसमें कंपनियों का निजीकरण करने का फैसला लिया गया।
शरीफ ने कहा कि सभी सरकारी कंपनियों को बेचा जाएगा, चाहे मुनाफा कमा पा रही हों या नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार सिर्फ उन कंपनियों को अपने पास रखेगी जो रणनीतिक रूप से अहम हैं। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से अपील की है कि वो प्रक्रिया को आसान बनाने में प्राइवेटाइजेशन कमीशन का सहयोग करें। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की दिसंबर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास 88 सरकारी कंपनियां हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में प्राइवेटाइजेशन प्रोग्राम 2024-29 का रोडमैप पेश किया गया, जिसमें बिजली डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों का निजीकरण भी शामिल है। पाकिस्तानी पीएम ने सभी संघीय मंत्रालयों को इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने और निजीकरण आयोग के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया है। पाकिस्तानी पीएम का कहना है कि राज्य के स्वामित्व वाले कारोबार के निजीकरण से टैक्सपेयर्स का पैसा बचेगा और सरकार को लोगों को बेहतर सेवा मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
शरीफ ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कंपनी लिमिटेड (PIA)के प्राइवेटाइजेशन समेत अन्य कंपनियों की बोली और अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का सीधा प्रसारण करने का निर्देश दिया है। पीएम शरीफ ने इस बैठक में बताया कि पीआईए प्राइवेटाइजेशन के लिए प्री क्वालिफिकेशन प्रॉसेस इस महीने के अंत तक पूरी की जानी है। रिपोर्ट के मुताबिक, घाटे में चल रहे सरकारी स्वामित्व वाले कारोबारों का प्राथमिकता के आधार पर निजीकरण किया जाएगा। निजीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्राइवेटाइजेशन कमीशन में एक एक्सपर्ट्स का एक पैनल नियुक्त किया जा रहा है।