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Indegene IPO Listing: 45% प्रीमियम पर शेयरों का सफर शुरू, फिर मुनाफावसूली ने बनाया दबाव, चेक करें कारोबारी सेहत

Indegene IPO Listing: लाइस साइंस इंडस्ट्री को सर्विसेज मुहैया कराने वाली इंडीजीन (Indegene) के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 70 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 452 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 659.70 रुपये और NSE पर 655.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 45.95 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Indegene Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर फिसल गए। टूटकर BSE पर यह 610.00 रुपये (Indegene Share Price)  पर आ गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 34.96 फीसदी मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक मुनाफे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर 30 रुपये के डिस्काउंट पर मिला है।

Indegene IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

इंडीजीन का ₹1,841.76 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 6-8 मई तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 70.30 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 192.72 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 55.91 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 7.86 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 6.62 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 760 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2,39,32,732 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी सब्सिडियरी का कर्ज चुकाने, खुद का और सब्सिडियरी की वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

Indegene के बारे में

वर्ष 1998 में बनी इंडीजीन लाइफ साइंस इंडस्ट्री को डिजिटल सर्विसेज मुहैया कराती है। यह ड्रग डेवलपमेंट, क्लिनिकल ट्रायल्स, रेगुलेटरी सबमिशम, फार्माकोविजिलेंस, कंप्लेंट्स मैनेजमेंट और सेल्स/मार्केटिंग सपोर्ट में सहयोग करती है। दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके 65 क्लाइंट्स हैं। इसका कारोबार भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन के साथ-साथ और कई देशों में फैला हुआ है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है।

वित्त वर्ष 2021 में इसे 149.41 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में उछलकर 162.82 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 में 266.10 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना करीब 54 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 2,364.10 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो अप्रैल-दिसंबर 2023 में इसे 241.90 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 1,969.75 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका था।

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