देश में चल रहे लोकसभा चुनाव को लेकर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है, लेकिन डीएसपी म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर अभिषेक सिंह का मानना है कि निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चुनाव देश के लिए एक बड़ी चीज है, लेकिन आम सहमति यह है कि देश में राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी।
हालिया गिरावट को लेकर अभिषेक सिंह ने कहा कि पिछले 6 महीनों में निफ्टी 500 और निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 18-19 प्रतिशत चढ़े हैं। हाल ही में गिरावट भी कुछ प्रतिशत ही रही है और दोनों इंडेक्स अब भी हाई लेवल के करीब हैं। यह सब जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता के बावजूद हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार काफी शांत रहे हैं और मौजूदा उतार-चढ़ाव को अस्थिरता नहीं माना जाना चाहिए।
अनिश्चितता क्यों?
ग्लोबल फैक्टर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारी ज्यादातर कमाई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ग्लोबल डेवलपमेंट से जुड़ी हुई है। मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव, बड़े विकसित देशों में बदलते पॉलिटिकल लैंडस्केप, सेंट्रल बैंकों के फैसले, वस्तुओं की कीमतें ये सभी अनिश्चितता के पार्ट हैं। लेकिन याद रखें, ये हमेशा से रहे हैं और आगे भी रहेंगे। फिलहाल बड़ी बात यह है कि शेयर बाजारों में वैल्यूएशन थोड़ा हाई है।
ब्याज दरों में नहीं होगी बढ़ोतरी
ब्याज दरों के बारे में उन्होंने कहा कि शायद बाजार ने यह मान लिया है कि इस साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं होगी, बल्कि कटौती हो सकती है। लेकिन यह सोचना तभी फायदेमंद है, जब आप दो कदम सही उठाएं। ब्याज दरों का सही अनुमान लगाना और बाजार की प्रतिक्रिया का सही अनुमान लगाना। क्या आपने सोचा था कि अमेरिका में ब्याज दरें मौजूदा लेवल पर होंगी और शेयर बाजार अभी भी हाई लेवल पर होगा?
ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े कारोबारों में सुधार के संकेत
चालू वित्त वर्ष के लिए हो रहे तिमाही आय के नतीजों के बारे में पूछे जाने पर अभिषेक ने कहा कि यह ज्यादातर कंपनियों के लिए उम्मीद के मुताबिक रहा। हालांकि, आईटी कंपनियों की कमाई थोड़ी कमजोर रही। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े कारोबारों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके फंड पोर्टफोलियो में बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थकेयर और ऑटो सेक्टर का दांव बना हुआ है। उनका मानना है कि बीएफएसआई एकमात्र ऐसा सेक्टर है जो लॉन्ग टर्म एवरेज से कम मूल्य पर कारोबार कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाजार इस पार्ट की शॉर्ट टर्म चैलेंज पर ज्यादा ध्यान दे रहा है और भविष्य के अवसरों को नजरअंदाज कर रहा है।