सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में की गई एक रेग्युलेटरी फाइलिंग के मुताबिक ई-कॉमर्स स्टार्टअप मीशो ने सॉफ्टबैंक, प्रोसस, एलिवेशन कैपिटल और पीक एक्सवी पार्टनर्स जैसे मौजूदा निवेशकों से 275 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह पूंजी निवेश मीशो में चल रहे पूंजी निवेश एक बड़े दौर का हिस्सा है। मनीकंट्रोल ने सबसे पहले यह जानकारी दी थी कि शुरुआत में मीशो की योजना बाजार से 30 करोड़ डॉलर जुटाने की थी। लेकिन निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए फंड रेजिंग राउंड की साइज बढ़ाकर 50 -65 करोड़ डॉलर तक की जा सकती है। इसके लिए बातचीत अभी भी जारी है और अंतिम निवेश राशि उचित समय पर तय की जाएगी।
ऋण और इक्विटी मिक्स वाले इस दौर में टाइगर ग्लोबल भी पहली बार मीशो में निवेश करने के लिए वापस आ रहा है। कुल राशि में से, लगभग 30 करोड़ डॉलर के प्राइमरी कैपिटल का इस्तेमाल भारत में आईपीओ से पहले कंपनी के बेस को डेलावेयर से भारत वापस लाने पर लगने वाले करों का भुगतान करने के लिए किया जाएगा।
इस निवेश राउंड के लिए मीशो का वैल्यूएशन 3.9 अरब डॉलर किया गया है। ये 2021 में किए गए फंड रेजिंग के समय के 4.9 अरब डॉलर के वैल्युएशन से 20 फीसदी कम है। वैल्यूएशन में ये कमी फिडेलिटी द्वारा मीशो के वैल्यू को 3 बिलियन तक कम करने के बाद आई है। मीशो ने इस खबर पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
रिपोर्ट कार्ड
बाजार में मीशो की प्रतिद्वंदी वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और अमेज़न हैं। मौजूदा और संभावित निवेशकों के साथ साझा किए गए दस्तावेजों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में मीशो को 50 लाख डॉलर का मुनाफा हुआ था। इसके बाद कंपनी वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में ब्रेक-ईवन(न नफा, न नुकसना) में फिसल गई। मुनाफे में गिरावट हाई ऑपरेटिंग कॉस्ट के कारण ऐसा हुआ। दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन (ईएसओपी) पर हुए खर्च का भी इस अवधि के प्रदर्शन पर असर पड़ा। ब्रेक-ईवन तिमाही का मतलब है कि मीशो मुनाफे का सिलसिला बरकरार नहीं पाई। पहली बार कंपनी Q2FY24 में मुनाफे में आई थी।