Muthoot Finance Share Price: केंद्रीय बैंक आरबीआई ने अधिक मात्रा में नगद लोन बांटने का सिस्टम बंद करने की सलाह दी है। इसे लेकर मुथूट फाइनेंस के एमडी जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट का कहना है कि आरबीआई की इस एडवायजरी का उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसके 80 फीसदी ग्राहक बिना नगदी वाले चैनल पर शिफ्ट हो चुके हैं। सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में जब उन्होंने कहा कि इसका मुथूट फाइनेंस पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा तो शेयरों में तगड़ी रिकवरी हुई। इंट्रा-डे में यह 8.87 फीसदी टूटकर 1510.00 रुपये तक आ गया था। अब फिलहाल BSE पर यह 2.50 फीसदी की गिरावट के साथ 1615.55 रुपये पर है।
इस एडवायजरी पर Muthoot Finance क्यों है बेफिक्र
मुथूट फाइनेंस के एमडी ने कहा कि आरबीआई की एडवायजरी तो सिर्फ कुछ लोगों पर ही नहीं लगनी है बल्कि यह सभी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (NBFC) पर लागू होगा। मुथूट के मुताबिक यह सभी गोल्ड लेंडर्स पर लागू होगा तो यह कोई चुनौती नहीं है। हालांकि उन्होंने यह जरूर माना कि गांवों में कुछ ग्राहक अनऑर्गेनाइज्ड लेंडर्स की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं।
RBI ने क्यों जारी की थी सलाह
केंद्रीय बैंक ने 8 मई को मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फाइनेंस को कैश बांटने के मामले में इनकम टैक्स एक्ट के नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा था। आरबीआई ने कहा कि किसी भी एनबीएफसी को 20,000 रुपये से अधिक का लोन नकद में नहीं बांटना चाहिए। आरबीआई ने यह सलाह तब भेजा था, जब गोल्ड लोन मुहैया कराने वाले कुछ बड़ी एनबीएफसी इस पर स्पष्टीकरण के लिए आरबीआई के पास पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई के डिपार्टमेंट ऑफ सुपरविजन ने मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस जैसे गोल्ड लोन फाइनेंसरों को यह सलाह भेजा था।