म्युचुअल फंडों ने अप्रैल में भारतीय इक्विटी की खरीद जारी रखी जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 6,800 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। यह जानकारी बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों से मिली।
म्युचुअल फंडों ने पिछले महीने बाजार में शुद्ध रूप से 32,824 करोड़ रुपये लगाए जो किसी कैलेंडर महीने में दूसरी सबसे बड़ी मासिक खरीदारी है। म्युचुअल फंडों की सबसे बड़ी खरीदारी मार्च 2024 में देखने को मिली थी और तब उन्होंने शुद्ध रूप से 44,233 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।
म्युचुअल फंडों की सतत खरीदारी के चलते कैलेंडर वर्ष 2024 में उनकी खरीद अप्रैल में एक लाख करोड़ रुपये के पार चली गई। इस साल अब तक उनकी कुल खरीद 1.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है। अप्रैल में बाजार में बड़ी रकम के निवेश से संकेत मिलता है कि उतारचढ़ाव के बावजूद म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में लगातार निवेश आ रहा है।
सुधार से पहले प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स ने 18 अप्रैल तक लगातार चार कारोबारी सत्रों में गिरावट दर्ज की थी। 4 दिन में दोनों सूचकांकों में करीब 3.4 फीसदी की गिरावट के बावजूद उसने माह की समाप्ति करीब 1.2 फीसदी की बढ़त के साथ की।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़े बताते हैं कि मार्च में म्युचुअल फंडों की रिकॉर्ड खरीदारी की वजह उनकी ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं और ईटीएफ में मजबूत निवेश हासिल करना रही। निवेशकों ने शुद्ध रूप से ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं में 22,633 करोड़ रुपये का निवेश किया।
ईटीएफ में 10,560 करोड़ रुपये का निवेश आया। 12 महीने की अवधि में एफपीआई ने 1.81 लाख करोड़ रुपये झोंके जबकि म्युचुअल फंडों ने घरेलू शेयरों में 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। अभिषेक कुमार