मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अचानक आए करेक्शन के लिए रिटेल इनवेस्टर्स तैयार नहीं थे। अब तक एक सत्र में आई गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखा जा रहा था। रिकवरी भी उतनी ही तेजी से दिख रही थी। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से लगातार बिकवाली का दबाव दिख रहा है। बताया जाता है कि मार्केट ऑपरेटर्स और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स डेरिवेटिव के अपने पॉजिशन खत्म किए हैं। उन्होंने कुछ स्टॉक्स में मुनाफावसूली की है। जब तक लोकसभा चुनावों के नतीजे नहीं आ जाते, वे खरीदारी के मूड में नहीं दिख रहे। फिलहाल कीमतों में ज्यादा उतारचढ़ाव नहीं दिख रहा, जिससे रिटेल इनवेस्टर्स यह समझने लगे हैं कि गिरावट पर खरीदारी की स्ट्रेटेजी अब काम नहीं कर रही है।
लोकसभा चुनावों के नतीजों के बारे में तरह के अनुमान
जहां तक लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections Results) के नतीजों का सवाल है तो इस बारे में दो तरह की राय जताई जा रही है। एचएनआई को सेवाएं देने वाली एक ब्रोकरेज फर्म के डीलर ने बताया कि अगर BJP को 330 से कम सीटें मिलती हैं तो मार्केट में बड़ी गिरावट आएगी। दूसरी राय यह है कि अगर बीजेपी को 350 से ज्यादा सीटें मिलती हैं तो मार्केट में तेजी देखने को मिल सकती है। ये दोनों ही राय नई नहीं हैं। इनका असर पहले ही मार्केट पर पड़ चुका है। एक डीलर का कहना है कि मार्केट की दिशा बजट के बाद ही तय होगी।
एफएमसीजी के अच्छे दिन जल्द लौटने वाले हैं
एफएमसीजी स्टॉक्स को लेकर सेंटिमेंट बदल रहा है। कई एनालिस्ट्स का मानना है कि एफएमसीजी कंपनियों के स्टॉक्स की चमक जल्द बढ़ने वाली है। ब्रोकरेज फर्म Emkay के सीनियर एनालिस्ट नितिन गुप्ता का मानना है कि जिन एफएमसीजी कंपनियों को वह ट्रैक करते हैं, उनकी वॉल्यूम ग्रोथ 8-9 फीसदी तक रह सकती है। इसकी दो वजहें हैं। पहला यह कि बेस लो है और दूसरा यह कि मानसून की बारिश बेहतर रहने की उम्मीद है। गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, “एफएमसीजी कंपनियों के मैनेजमेंट की कमेंट्री से हमारी उम्मीदों को मजबूती मिलती है।”
अरविंद के चौथी तिमाही ने नतीजे अच्छे आए हैं। एडवान्सड मैटेरियल डिविजन ने स्ट्रॉन्ग ग्रोथ दिखाई है। कई कैटेगरीज में वॉल्यूम ग्रोथ 20 फीसदी से ज्यादा रही है। ब्रोकरेज फर्म एंटीक ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है। कंपनी की ऑर्डर बुक भी स्ट्रॉन्ग है। कंपनी के मुनाफे की ग्रोथ इस तिमाही और अगली तिमाही में बेहतर रह सकती है। बेयर्स की दलील है कि इस सेक्टर को लेकर आउटलुक सावधानी का है। इनपुट प्राइसेज में इजाफे का असर मार्जिन पर पड़ेगा।
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सीजी पावर के चौथी तिमाही के नतीजे भी अच्छे हैं। कंपनी ने कहा है कि रेलवे की उसकी इकाई की रेवेन्यू की ग्रोथ साल दर साल आधार पर 40 फीसदी रहेगी। इसकी वजह यह है कि कंपनी वंदे मेट्रो, वंदे भारत ट्रेनसेट्स और वंदे साधारण को ओईएम सप्लाई करेगी। बेयर्स की दलील है कि चौथी तिमाही में कंपनी के इंडस्ट्रियल सेगमेंट की ग्रोथ सिर्फ 5 फीसदी रही है। इसकी वजह मोटर डीस्टॉकिंग है जो लगातार दूसरी तिमाही जारी रही।
कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे कमजोर हैं। हालांकि, M&M Financial की एसेट क्वालिटी में सुधार आया है। एयूएम ग्रोथ भी अच्छी रही है। बेयर्स की दलील है कि कंपनी की एक ब्रांच में फ्रॉड के बाद सिस्टम और प्रोसेस को लेकर चिंता बनी हुई है। आने वाले समय में इसका असर स्टॉक पर पड़ सकता है।