Market today : पीएसयू शेयरों में बिकवाली के बीच भारत के बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स लगभग 0.5 फीसदी ऊपर खुलने के बाद कारोबारी सत्र के अंत में सपाट बंद हुए हैं। आज सेंसेक्स 17.39 अंक या 0.02 फीसदी बढ़कर 73,895.54 पर और निफ्टी 33.15 अंक या 0.15 फीसदी गिरकर 22,442.70 पर बंद हुआ है। लगभग 1,294 शेयरों में तेजी आई, जबकि 2,627 शेयरों में गिरावट आई और 172 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
कोटक महिंद्रा बैंक 5 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ निफ्टी का टॉप गेनर रहा। इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और हिंदुस्तान यूनिलीवर रहे, इनमें 2.1 फीसदी और 1.8 फी की बढ़त हासिल की। वहीं, गिरने वाले शेयरों में टाइटन कंपनी लिमिटेड 7.2 फीसदी से ज्यादा टूट गया। ये चौथी तिमाही के कमजोर नतीजों के बाद 22 महीनों में सबसे तेज गिरावट है। एसबीआई को 2.9 फीसदी और एनटीपीसी को 2.31 फीसजी का नुकसान हुआ।
सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 2.76 फीसदी उछला। गिरने वालों में निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 3.66 फीसदी गिरा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, तेल और गैस में 2.55 फीसदी और 1.75 फीसदी की गिरावट
7 मई को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि RBI द्वारा प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के नियम सख्त किए जाने के कारण पीएसयू बैंकों का खराब प्रदर्शन देखने को मिला। ऐसे में सेंसेक्स-निफ्टी दायरे में घूमते दिखे। महंगे वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओं और मुनाफावसूली के कारण मिड और स्मॉलकैप में भी दबाव रहा। ग्लोबल मोर्चे पर नजर डालें तो कमजोर अमेरिकी पेरोल डेटा ने यूएस FED की तरफ से दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ाई हैं। मौद्रिक नीति पर आगे का अंदाजा लगाने के लिए निवेशक इस हफ्ते यूएस FED के अधिकारियों के बयानों पर बारीकी से नजर रखेंगे।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि बैंकिंग, आईटी, रियल्टी और ऑटो शेयरों में आई खरीदारी के कारण बाजार मिलाजुला बंद हुआ। तेल और गैस, बिजली,कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कैपिटल गुड्स शेयरों में भारी गिरावट के कारण बाजार आज दबाव में रहा। दर में कटौती में देरी और महंगाई दर ऊंची बनी रहने की अनिश्चितता के बीच निवेशकों की तरफ से चुनिंदा शेयरों पर लॉन्ग टर्म के दांव लगाने के साथ सावधानी के साथ ट्रेड करने की संभावना दिख रही है।
ड है। ऐसे में बाजार का शॉर्ट टर्म ट्रेंड अभी भी कमजोर बना हुआ है। ट्रेडर्स के लिए अब, 22600/74400 एक ट्रेंड डिसाइडर लेवल साबित होगा। जब तक बाजार इसके नीचे कारोबार कर रहा है इसके 22300-22250/73500-73350 तक फिसलने की संभावना बनी हुई है। दूसरी ओर, 22600/74400 से ऊपर जानें पर ट्रेंड बदल सकता है और बाजार 22700-22735/74700-74800 तक उछाल दिखा सकता है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि वोलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया VIX में तेज बढ़त ने मार्केट सेंटीमेंट खराब कर दिया है। वोलैटिलिटी बढ़ने के साथ ही संभवतः आगे निफ्टी पर दबाव जारी रहेगा । हालांकि अमेरिकी बाजारों में सुधार और कुछ दिग्गज शेयरों की मजबूती ने अब तक नुकसान की कुछ भरपाई की है। लेकिन निफ्टी के 22,400 के नीचे जाने पर बाजार में कमजोरी बढ़ जाएगी। ऐसे में ट्रेडर्स को सलाह है कि वे सर्तक नजरिया बनाए रखें और चुनिंदा स्टॉक पर ही फोकस करें।
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