Daily Voice : एचडीएफसी सिक्योरिटीज में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के हेड उन्मेश शर्मा ने एक इंटर व्यू में मनीकंट्रोल से कहा कि “‘पेटेंट क्लिफ’ भारतीय जेनेरिक फार्मा कंपनियों में तेजी लाने वाले बड़े ट्रिगर्स में से एक है।” उन्होंने आगे कहा कि कम मुनाफे के कारण कई दवा बनाने वाली कंपनियों ने अपनी उत्पादन इकाइयां बंद कर दीं हैं। जिससे चलते कई प्रमुख दवाओं की सप्लाई में कमी आई है। इससे भारतीय कंपनियों के लिए कमाई में बढ़ोतरी अवसर दिख रहे हैं।
भारतीय जेनेरिक फार्मा कंपनियों में दिखेगी तेजी
भारतीय दवा बनाने वाली कंपनियों के पास कई उत्पादों के समाप्त हो रहे पेटेंट का फायदा उठाने के लिए जरूरी मंजूरी, उत्पादन इकाइयां और सप्लाई चेन है। उन्होंने बताया कि HSIE कवरेज में सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैब्स, सिप्ला और अरबिंदो फार्मा ऐसे नाम हैं ऊपर बताई गई वजहों से फायदा होगा।
वित्त वर्ष 2025 में साइडवेज रहेगा निफ्टी
कैपिटल मार्केट का 19 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले उन्मेश शर्मा का कहना है कि अर्निंग और वैल्यूएशन अनुमानों के आधार पर लगता है कि वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी हल्के निगेटिव रुझान के साथ साइडवेज कारोबार करता नजर आ सकता है।
मैन्युफैक्चरिंग शेयरों में लंबी अवधि में होगी कमाई
क्या मैन्युफैक्टरिंग सेक्टर में विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी? क्या वे आम चुनाव के नतीजों का इंतज़ार कर रहे हैं? इस सवाल के जवाब में उन्मेश शर्मा ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर सरकार के फोकस से स्पष्ट है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लंबी अवधि में जोरदार ग्रोथ देखने को मिलेगा। इसलिए यह सेक्टर लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सही होगा। हमने EMS जैसी थीम्स में खरीदारी आती देखी है।
विदेशी निवेशकों के समूह को दो कटेगरी में विभाजित किया जा सकता है। पहले वे जो चुनाव पर निर्णय लेंगे और दूसरे कुछ ऐसे मैक्रो/एसेट निवेशक जो निवेश के लिए चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा करेंगे। इसलिए, हमारा मानना है कि कुछ पूंजी साइड में रखी रहेगी। चुनावों के सकारात्मक परिणाम के बाद इसमें से कुछ पैसा बाजार में आएगा। इससे दूसरे सेक्टरों के अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी फायदा होगा।
अब एफएमसीजी सेक्टर में नजर आ रहे निवेश के मौके
एफएमसीजी सेक्टर से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उन्मेश शर्मा ने कहा कि पिछली तीन तिमाहियों में कमजोर प्रदर्शन के बाद एफएमसीजी शेयरों के वैल्यूएशन में नरमी आई है जिससे अब इस सेक्टर पर दोबारा नजर डालने की जरूरत है। उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में उपभोग मांग में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। सामान्य मानसून भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकता है। ऐसे में इस सेक्टर के चुनिंदा क्वालिटी शेयरों में खरीदारी करने की सलाह होगी।
डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।