वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि समूह अगले चार वर्षों में देश के भीतर अपने सभी व्यवसायों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का लक्ष्य तय कर रहा है। अग्रवाल ने कहा कि यह इंवेस्टमेंट वेदांता ग्रुप के टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और शीशा कारोबार के अलावा अन्य गतिविधियों पर केंद्रित होगा।
समर्थन की जरूरत
अरबपति उद्यमी अग्रवाल ने कहा कि वह अपने गृह राज्य बिहार को आगे बढ़ने में मदद करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि इसके लिए नीतिगत मोर्चे पर मजबूत समर्थन की जरूरत है। अग्रवाल एक कार्यक्रम से इतर बोल रहे थे जहां समूह ने अपनी परमार्थ गतिविधियों को बढ़ाने की घोषणा की।
वेदांता ने कहा कि उसके ‘नंद घरों’ की संख्या को अगले दो वर्षों में 6,000 से बढ़ाकर 25,000 तक ले जाने की योजना है। नंद घर योजना के तहत समूह गांवों में बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों का ध्यान रखता है। कंपनी ने 1 मई को बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी को अपनी नंद घर पहल में शामिल करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया। नंद घर वेदांता और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच एक सहयोगी परियोजना है, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए पूरे भारत में आधुनिक आंगनबाड़ियों को नंद घर के रूप में विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
भारत में विकास जबरदस्त
अग्रवाल ने कहा, “भारत में विकास जबरदस्त है.. यह दोहरे अंकों में विकास है और बड़ी खपत गतिविधि है। लोग भारत में निवेश करने में रुचि रखते हैं और चुनाव के बाद हम उद्यमिता को मान्यता देंगे, जो निवेश के लिए काफी अहम है।”
ग्लास और सेमीकंडक्टर कारोबार
अग्रवाल ने यह भी संकेत दिया कि निवेश को ग्लास और सेमीकंडक्टर व्यवसाय में केंद्रित किया जाएगा, अन्य व्यवसायों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश को तेज किया जाएगा। जब अग्रवाल से सेमीकंडक्टर परियोजना पर कंपनी की योजनाओं के बारे में अपडेट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हमें गुजरात में जमीन मिल गई है, लेकिन हमें सबसे अच्छा साझेदार ढूंढने की जरूरत है।”