Small Car Segment: स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (SUV) को लेकर बढ़ती दीवानगी के बीच देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) को उम्मीद है कि छोटी कारों की मांग 2026 के अंत या 2027 तक फिर से तेजी पकड़ेगी। कुछ साल पहले तक देश के पैसेंजर व्हीकल मार्केट में छोटी कारों की मांग सबसे अधिक होती थी लेकिन अब इसकी जगह एसयूवी ने ले ली है। हालत यह है कि छोटी कारों की हिस्सेदारी घटकर 30 फीसदी से भी कम रह गई है।
Maruti Suzuki के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर का बयान
MSI के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सेल्स एंड मार्केटिंग) पार्थो बनर्जी ने कहा कि पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री में एसयूवी सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़कर 53.6 फीसदी पर पहुंच गई है जिससे छोटी कारों के सेगमेंट की हिस्सेदारी और भी कम हो गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई कारणों से हैचबैक कारों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं जिससे उन्हें खरीद पाने की क्षमता भी प्रभावित हुई है। सुरक्षा एवं उत्सर्जन मानकों का पालन करने से इन कारों के दाम बढ़ गए हैं लेकिन छोटी कारें खरीद पाने की लोगों की क्षमता उस अनुपात में नहीं बढ़ी है।
हैचबैक सेगमेंट में भी तेजी की उम्मीद
बनर्जी ने कहा, “इसका नतीजा यह हुआ है कि हैचबैक कारों का हिस्सा भी घट गया है। लेकिन हमारा मत है कि हैचबैक सेगमेंट एक बार फिर अपना दमखम दिखाएगा। हमें उम्मीद है कि 2026 के अंत या 2027 तक हैचबैक बाजार फिर से वापसी करेगा।’’
उन्होंने कहा कि टू-व्हीलर की बिक्री में एक बार फिर आई तेजी से हैचबैक सेगमेंट को पॉजिटिव संदेश मिल सकता है। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी देखा है कि दोपहिया वाहन उद्योग में तेजी आने के कुछ समय बाद चार-पहिया उद्योग में भी तेजी आती है।”
क्यों बढ़ सकती है छोटी कारों की बिक्री?
मारुति सुजुकी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समय के साथ कार खरीद पाने की क्षमता बढ़ने पर छोटी कारों की बिक्री एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगी। कुल यात्री वाहन बाजार में छोटी कारों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2017-18 में 47.4 प्रतिशत हुआ करती थी लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आती गई और वित्त वर्ष 2022-23 में यह सिर्फ 27.7 प्रतिशत रह गई।