वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि समूह अगले चार साल में देश के भीतर अपने सभी व्यवसायों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का लक्ष्य तय कर रहा है। अग्रवाल ने कहा कि यह निवेश वेदांता समूह के टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और शीशा कारोबार के अलावा अन्य गतिविधियों पर केंद्रित होगा।
स्टील कारोबार को बेचने का मूड
उन्होंने कहा कि समूह स्टील कारोबार को सही कीमत पर ही बेचेगा और सही कीमत नहीं मिलने पर इसे चलाते रहने के लिए भी प्रतिबद्ध है। अग्रवाल ने कहा कि स्मार्टफोन और लैपटॉप बनाने में जरूरी सेमीकंडक्टर और शीशा भविष्य को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण हैं और समूह दोनों खंडों में मौजूद है। सेमीकंडक्टर संयंत्र के लिए समूह के पास गुजरात में जमीन है और वह इसके लिए मजबूत और विश्वस्त साझेदार की तलाश में है।
बिहार के लिए क्या कहा
अरबपति अनिल अग्रवाल ने कहा कि वह अपने गृह राज्य बिहार को आगे बढ़ने में मदद करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि इसके लिए नीतिगत मोर्चे पर मजबूत समर्थन की जरूरत है। स्टील कारोबार बिक्री के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सही कीमत मिलने पर ही इस बारे में सोचा जाएगा।
समूह के स्टील कारोबार के मार्च, 2024 तक बिकने की अटकलें थीं। कंपनी के कर्ज की स्थिति को लेकर चिंताओं पर अग्रवाल ने कहा कि कंपनी का कुल ऋण वर्तमान में केवल 12 अरब डॉलर है और ऐसा लगता है कि इसे संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि समूह ने कभी भी अपनी किसी भी ऋण प्रतिबद्धताओं में चूक नहीं की है।