साबुन से लेकर लॉकर तक देश के हर घर में अपनी जगह बनाने वाला गोदरेज ग्रुप अब बंटने वाला है। गोदरेज फैमिली ने 127 साल पुराने ग्रुप को दो भागों में विभाजित करने के लिए समझौता किया है।
इस समझौते के तहत एक हिस्सा 82 वर्षीय आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर का है। वहीं, दूसरा चचेरे भाई जमशेद और बहन स्मिता गोदरेज को मिला है। इसमें गोदरेज और उनके भाई नादिर को गोदरेज इंडस्ट्रीज की लिस्टेड कंपनियां मिलेंगी। गोदरेज की पांच लिस्टेड कंपनियां हैं।
जबकि चचेरे भाई जमशेद और स्मिता को गैर-लिस्टेड कंपनी गोदरेज एंड बॉयस और मुंबई में उससे जुड़ी प्रमुख संपत्ति सहित लैंड बैंक मिला है। गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह में लिस्टेड कंपनियां गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज हैं।
इनके चेयरमैन नादिर गोदरेज होंगे और नियंत्रण आदि गोदरेज, नादिर और परिवार करेगा। आदि के 42 वर्षीय बेटे पिरोजशा गोदरेज गोदरेज इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे। वे अगस्त 2026 में नादिर की जगह लेंगे।
दूसरी ओर, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में गोदरेज एंड बॉयस और उसके सहयोगी शामिल हैं, जिसकी एयरोस्पेस और विमानन से रक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर तक कई उद्योगों में मौजूदगी है। इसे अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में जमशेद गोदरेज द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
उनकी बहन स्मिता की 42 वर्षीय बेटी न्यारिका होल्कर इसकी कार्यकारी निदेशक होंगी। इसी ग्रुप के पास मुंबई में 3,400 एकड़ का लैंड बैंक भी है।1897 में हुई थी स्थापना : ग्रुप की स्थापना 1897 में अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने की थी।
ग्रुप की टोटल वैल्यू करीब 2.34 लाख करोड़ रुपए है।तीन साल से चल रही थी बंटवारे की प्रक्रियागोदरेज ग्रुप में बंटवारे की प्रक्रिया 3 साल से चल रही थी। अब बंटवारे के बाद परिवार के सदस्य एक-दूसरे की कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर निकल जाएंगे। आदि और नादिर गोदरेज ने इस साल की शुरुआत में गोदरेज एंड बॉयस के बोर्ड से इस्तीफा दिया, जबकि जमशेद गोदरेज ने जीसीपीएल और गोदरेज प्रॉपर्टीज के बोर्ड से सीट छोड़ दी है।