आईसीआईसीआई बैंक के चौथी तिमाही के नतीजे स्ट्रॉन्ग हैं। बैंक को इस दौरान 10,708 करोड़ रुपये प्रॉफिट हुआ है। यह साल दर साल आधार पर 20 फीसदी ज्यादा है। मार्जिन पर दबाव के बावजूद बैंक के मुनाफे की ग्रोथ अच्छी रही। इसमें एडवान्स की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ का हाथ है। बैंक की क्रेडिट कॉस्ट में भी कमी आई है। चौथी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का रिटर्न ऑन एसेट (ROA) 2.4 फीसदी रहा। वैल्यूएशन के मामले में आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के बीच ज्यादा फर्क नहीं है। इसमें FY26 की कोर बुक वैल्यू के 1.8 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है।
कई मानकों पर बेहतर प्रदर्शन
कई मानकों पर आईसीआईसीआई बैंक का प्रदर्शन अच्छा रहा। डोमेस्टिक बुक पर बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 4.6 फीसदी रहा। यह एचडीएफसी बैंक के 3.4 फीसदी से काफी ज्यादा है। डोमेस्टिक बुक पर आईसीआईसीआई बैंक का क्रेडिट टू- डिपॉजिट रेशियो 82.3 फीसदी रहा। यह एचडीएफसी बैंक के 105 फीसदी के मुकाबले कम है। लेकिन, आईसीआईसीआई बैंक का 2.4 फीसदी का रिटर्न ऑन एसेट एचडीएफसी बैंक के 2 फीसदी आरओए से ज्यादा है। FY25 में आईसीआईसीआई बैंक की अर्निंग्स ग्रोथ एचडीएफसी बैंक से ज्यादा रहेगी।
HDFC बैंक के साथ वैल्यूएशन के बीच का फर्क घट रहा
पहले एचडीएफसी बैंक में एक साल के फॉरवर्ड बुक के 3 गुना से ज्यादा औसत वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग होती थी। यह FY26 में अनुमानित आईसीआईसीआई बैंक के 1.8 गुना के वैल्यूएशन के मुकाबले ज्यादा था। इसका मतलब है कि मार्केट अब भी आईसीआईसीआई बैंक को उतनी मार्केट-लीडिंग वैल्यूएशन देने को तैयार नहीं है, जितना वह एचडीएफसी बैंक को देता था। हालांकि, दोनों बैंकों की वैल्यूएशन के बीच का फर्क घटा है। इसकी बड़ी वजह एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी का विलय है। इससे आईसीआईसीआई बैंक के स्टॉक की रिरेटिंग की गुंजाइश का संकेत मिलता है।
मार्जिन पर दबाव बढ़ने के आसार
चौथी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन में थोड़ी कमी आई। अगली तिमाही में मार्जिन पर दबाव और बढ़ सकता है। इसकी वजह यह है कि बैंक को डिपॉजिट पर ज्यादा इंटरेस्ट चुकाना पड़ सकता है। मैनेजमेंट ने मार्जिन मौजूदा स्तर के करीब बनाए रखने का भरोसा जताया है। इसका मतलब है कि दबाव के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक का मार्जिन दूसरे बैंकों के मुकाबले अच्छा रहेगा। लोन की ग्रोथ स्ट्रॉन्ग रहने से इस वित्त वर्ष में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम की ग्रोथ अच्छी रहेगी।
बढ़ते अनसेक्योर्ड लोन को लेकर चिंता
बैंक की अर्निंग्स को क्रेडिट कॉस्ट का सपोर्ट मिला है। यह FY24 में 0.32 फीसदी रहा, जो FY23 में 0.71 फीसदी था। अब इसके इस लेवल पर बने रहने की उम्मीद नहीं है। स्लिपेज पर अंकुश लगने से एसेट क्वालिटी में इम्प्रूवमेंट दिखा है। लेकिन, हाल में अनसेक्योर्ड लोन में बहुत ज्यादा ग्रोथ थोड़ी चिंता की बात है। साल दर साल आधार पर अनसेक्योर्ड लोन 33 फीसदी बढ़ा है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
आईसीआईसीआई बैंक के स्टॉक के करेंट प्राइस पर FY26 में इसकी अनुमानित बुक वैल्यू के 1.8 गुना पर कारोबार हो रहा है। 2.4 फीसदी के रिटर्न ऑन एसेट को देखते हुए यह अट्रैक्टिव लगता है। FY24 में बैंक का रिटर्न ऑन इक्विटी 19 फीसदी पहुंच गया। इस वित्त वर्ष में अर्निंग्स ग्रोथ में थोड़ी कमी आ सकती है। स्टॉक में तेजी वैल्यूएशन मल्टीपल (रिरेटिंग) पर निर्भर करेगी। इनवेस्टर्स मीडियम टू लॉन्ग टर्म के लिए इस स्टॉक में निवेश कर सकते हैं।