SBI में आज एक्शन देखने को मिल सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक यस बैंक में हिस्सा बेचने को मंजूरी मिल गई है। SBI को यस बैंक में हिस्सा बेचने की मंजूरी मिली है। मार्च में लॉक इन पीरियड खत्म हुआ। SBI के पास यस बैंक की 25 फीसदी हिस्सेदारी है। SBI के पास यस बैंक के करीब 18000 करोड़ वैल्यू के शेयर हैं। सूत्रों के मुताबिक Yes Bank में SBI की हिस्सेदारी बेन कैपिटल और सऊदी अरब का वेल्थ फंड हिस्सा खरीद सकता है। जापान के फंड की भी यस बैंक में हिस्सा खरीदने में दिलचस्पी है।
SBI के एस बैंक में 10 रुपए पर खरीदे गये शेयर लगभग 26-27 रुपए पर पहुंच गए हैं। ऐसे में Yes Bank में SBI की इस साल लॉटरी लगने वाली है। ऐसे में निवेशकों को Yes Bank के साथ ही SBI पर भी नजर रखनी चाहिए।
कैसे रहे एस बैंक के नतीजे
यस बैंक के चौथी तिमाही के नतीजों पर नजर डालें तो नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 202.4 करोड़ रुपए से बढ़कर 454 करोड़ रुपए पर रहा है। प्रॉविजनिंग में कमी और टैक्स राइट बैंक के चलते मुनाफे में बढ़त देखने को मिली है।
चौथी तिमाही में बैंक की ब्याज आय में सालाना आधार पर 2.3 फीसदी की बढ़त के साथ 2,153.1 करोड़ रुपए पर रही है जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 2,105.2 करोड़ रुपए पर रही थी। नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 2.4 फीसदी पर सपाट रही है। NIM 9 तिमाही के निचले स्तर 2.4 फीसदी पर बरकरार है।
डिस्बर्समेंट 24.55 फीसदी बढ़कर 32709 करोड़ रुपए पर रहा है। एडवांसेज 12.1 फीसदी बढ़कर 4 तिमाहियों के शिखर 227799 करोड़ रुपए पर रहा है। तिमाही आधार पर एडवांसेज 10 तिमाहियों से उच्चतम स्तर पर रहा है।
Yes Bank की कॉन्फ्रेंस कॉल
Yes Bank के कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा गया है कि एक बैंक के रूप में पिछले साल बैंक के सभी मेट्रिक्स में लगातार सुधार देखने को मिला है। रिकंस्ट्रक्शन के बाद वित्तीय वर्ष 2024 में बैंक को लगातार तीसरे साल मुनाफा हुआ है।लाभप्रदता का लगातार तीसरा वर्ष है। PCR बढ़ाने के बावजूद वित्त वर्ष 2024 में RoA 0.5 फीसदी रहा है। RIDF में धीरे-धीरे कमी आएगी। मिड-मार्केट, SME सेगमेंट के बाद सबसे ज्यादा रिटेल में लोन ग्रोथ देखने को मिली है। एसेट क्वालिटी में भी सुधार हुआ है।