Stocks on Broker’s Radar: एसबीआई लाइफ (SBI Life) का Q4 में शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 4.4 प्रतिशत बढ़कर 811 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का प्रीमियम 4,550 करोड़ रुपये से 17.1% बढ़कर 5,330 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस 1,440 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,510 करोड़ रुपये हो गया। एचएसबीसी ने इस स्टॉक पर खरीदारी की राय दी है। RBL Bank Media Call में बताया गया कि बैंक की डिपॉजिट कॉस्ट स्थिर है। आने वाले दिनों में भी NIM इसी रेंज में रह सकता है। वहीं साल के आखिर में NIM में बढ़ोतरी संभव है। आरबीएल बैंक पर जेपी मॉर्गन ने न्यूट्रल कॉल दी है। IDFC FIRST BANK का Q4FY24 में मुनाफा सालाना आधार पर 9.8% घटकर 724.3 करोड़ रुपये रहा। इस स्टॉक पर जेपी मॉर्गन ने न्यूट्रल कॉल दी है। जानते हैं किस ब्रोकरेज ने कितना दिया टारगेट प्राइस-
एचएसबीसी ने एसबीआई लाइफ पर खरीदारी की राय दी है। इसका टारगेट 1,790 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि Q4 में अच्छी एपीई वृद्धि देखने को मिली। इसके साथ इसमें क्रमिक मार्जिन विस्तार नजर आया। इसका लागत कम हुई। Q4 में कंपनी ने परसिस्टेंस में सुधार दर्ज किया जो प्रमुख सकारात्मक बातें रहीं। 16% की एपीई सीएजीआर के चलते कंपनी द्वारा एक स्थिर ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस का अनुमान जताया गया है। FY24-27 में 29% का औसत मार्जिन नजर आया।
जेपी मॉर्गन ने आरबीएल बैंक पर न्यूट्रल कॉल दी है। इसका टारगेट 270 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि Q4 में मुनाफा 350 करोड़ रुपये रहा जो कि बेहतर शुल्क के कारण अनुमान से 7% ज्यादा रहा। 20% ऋण वृद्धि, मजबूत शुल्क आय गति के कारण PPOP में सालाना आधार पर 49% की वृद्धि हुई। कंपनी PPOP मार्जिन में सुधार के अपने लक्ष्य पर काम कर रही है। कंपनी का एसेट क्वालिटी प्रदर्शन निराशाजनक रहा। MFIऔर क्रेडिट कार्ड बुक में स्लिपेज अधिक होने से क्रेडिट लागत 2% बढ़ गई। यह संभवतः बैंक में न्यू नॉर्मल है।
JPMORGAN ON IDFC FIRST BANK
जेपी मॉर्गन ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर न्यूट्रल कॉल दी है। इसका टारगेट 75 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि उच्च क्रेडिट लागत के कारण Q4 मुनाफा स्ट्रीट के अनुमान से 5% कम रहा। बैंक का कोर RoA 1% पर बना हुआ है। इसके साथ ही एलीवेटेड ओपेक्स प्रतिकूल स्थिति में बना हुआ है। बैंक ने अच्छे एडवांसेज ग्रोथ के बावजूद मजबूत जमा वृद्धि ने इनक्रीमेंटल LDR को 68% पर बनाए रखा। मुख्य सकारात्मक बात यह थी कि शुल्क आय में सालाना आधार पर 36% की वृद्धि हुई।