बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2024) में प्राइवेट सेक्टर के RBL बैंक का नेट प्रॉफिट 30 प्रतिशत उछाल के साथ 353 करोड़ रुपये रहा है। RBL बैंक ने बताया कि उसके मुनाफे में यह उछाल गैर-ब्याज आमदनी बढ़ने से हुआ। वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट 271 करोड़ रुपये रहा था। बैंक ने डिविडेंड 1.50 रुपये देने का ऐलान है।
क्या है बैंक की वित्तीय स्थिति
RBL बैंक की मूल ब्याज आय 18% बढ़कर 1600 करोड़ रुपये हो गई, इसमें कर्ज वितरण में 20% वृद्धि हुई। मार्च तिमाही में बैंक की अन्य आमदनी 30% बढ़कर 875 करोड़ रुपये रही। इसके एमडी आर सुब्रमण्यकुमार ने कहा कि उन्हें लगता है कि आगे भी 20% के दायरे में प्रगति जारी रहेगी। चुनौतीपूर्ण बाजार में भी बैंक की जमा वृद्धि 22 प्रतिशत रही। ग्रॉस एनपीए अनुपात सुधार के साथ 2.65% हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में 3.37% था।
कैसे रहे तिमाही नतीजे
ICICI बैंक की बात करें तो बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में प्रॉफिट 18.5 प्रतिशत बढ़कर 11,672 करोड़ रुपये रहा है। बैंक के प्रॉफिट में इतनी वृद्धि कम प्रावधानों के कारण हुई। वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में बैंक का प्रॉफिट 9,853 करोड़ रुपये रहा था। बैंक की मूल शुद्ध ब्याज आमदनी 8.1 प्रतिशत बढ़कर 19,093 करोड़ रुपये रही। इसमें कर्ज में 16.8 प्रतिशत वृद्धि और शुद्ध ब्याज मार्जिन 4.90 प्रतिशत से घटकर 4.40 प्रतिशत रह गया।
बैंक का प्रावधान मार्च तिमाही में आधे से ज्यादा घटकर 718 करोड़ रुपये रह गया। भारी प्रतिस्पर्धा के बीच बैंक की जमा में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बैंक के बोर्ड ने प्रति शेयर 10 रुपये के डिविडेंड की सिफारिश की है।
कर्ज पर लिया यह फैसला
असुरक्षित कर्ज पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चिंता जताए जाने के कुछ महीनों बाद बैंक के कार्यकारी निदेशक संदीप बत्रा ने कहा कि इसने व्यक्तिगत ऋण वृद्धि को घटाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया, जो पहले 37 प्रतिशत था, जबकि क्रेडिट कार्ड बकाया में वृद्धि 35.6 प्रतिशत रही।