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VIX में 20% गिरावट से आप भी हैरान है? यहां जानिए क्या है इसकी असल वजह

Moneycontrol - Hindi Business News

एक बड़े इवेंट से पहले वोलैटिलिटी इंडेक्स (VIX) में कारोबार के दौरान 20 फीसदी की गिरावट ने ट्रेडर्स को हैरान कर दिया है। VIX को डर का पैमाना भी माना जाता है। यह बताता है कि अगले कुछ हफ्तों में ट्रेडर्स मार्केट में कितना उतारचढ़ाव की उम्मीद कर रहे हैं। इसकी रीडिंग जितनी ज्यादा होती है, उतारचढ़ाव की संभावना उतनी ज्यादा होती है। इस तरह यह बात समझ में नहीं आती कि मार्केट को लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) से पहले और उसके बाद किसी तरह के उतारचढ़ाव की उम्मीद नहीं है।

बहुत कम रीडिंग का मतलब 

वीआईएक्स की रीडिंग बहुत कम होने का मतलब है कि ऑप्शंस के लिए पर्याप्त डिमांड नहीं है। इसका मतलब यह भी है कि बहुत कम ट्रेडर्स अपनी पॉजिशन हेज करना चाहते हैं। वीआईएक्स की कम रीडिंग का मतलब यह निकलता है कि ट्रेडर्स आत्मसंतुष्ट हैं या मार्केट में स्टैबिलिटी रहने की पर्याप्त वजह है। बाजार के एक्सपर्ट्स का मानना है कि VIX में तेज गिरावट का मतलब यह है कि आगे मार्केट ऊपर या नीचे किसी भी दिशा में बड़ा कदम बढ़ा सकता है।

यह हो सकती है असल वजह

इसे देखने का एक दूसरा तरीका भी है। वीआईएक्स में तेज गिरावट का कोई मतलब नहीं है। क्यों? क्योंकि वीआईएक्स इंप्लॉयड वोलैटिलिटी बताता है-अगले 30 दिन में निफ्टी कितना चढ़ या उतर सकता है। लेकिन, अब ज्यादा एक्शंस वीकली ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स में हो रहा है। उसमें भी ज्यादा एक्शन एक्सपायरी डे को होता है। ऐसे में इन ऑप्शंस में ज्यादा वॉल्यूम होने का असर VIX के कैलकुलेशन पर पड़ सकता है। इस वजह से अगर कैलकुलेशन का ज्यादा हिस्सा छोटी अवधि के ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स से आता है तो वीआईएक्स छोटी अवधि का संकेत देने में नाकाम हो जाता है। यह ठीक वैसा ही है कि अगले महीने का मौसम आने वाले कल के पूर्वानुमान पर निर्भर करेगा।

दुनियाभर में है यह प्रॉब्लम

यह प्रॉब्लम सिर्फ इंडिया में नहीं है बल्कि दुनियाभर में है। इस प्रॉब्लम को देखते हुए शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज (CBOE) ने पिछले साल एसएंडपी 500 में करेंट डे में संभावित उतारचढ़ाव को ट्रैक करने के लिए वन डे वीआईएक्स लॉन्च किया था। यह इंडेक्स सभी निवेशकों के लिए उपयोगी है। लेकिन यह शॉर्ट टर्म ट्रेड्स के ज्यादा उपयोगी है। शायद यह इंडिया के लिए भी अपना वन-डे VIX शुरू करने का सही वक्त है।

आदित्य बिरला फैशन ने पिछले शुक्रवार को एनालिस्ट मीट का आयोजन किया था। इसका मकसद प्रस्तावित दो कंपनियों में डीमर्जर के बारे में जानकारी देना था। बुल्स का कहना है कि इससे उन बिजनेसेज को अच्छे तरीके से कैपिटल का एलोकेशन हो सकेगा जिन्हें मीडियम टर्म में उसकी ज्यादा जरूरत है। बेयर्स की दलील है कि कंपनी के डीमर्जर के बाद भी दोनों कंपनियों के शेयरों का कुल जोड़ स्टॉक के करेंट प्राइस से अलग नहीं होगा। IIFL Securities ने डीमर्ज्ड एनटिटी Aditya Birla Lifestyle Brands के स्टॉक का टारगेट प्राइस 170 रुपये रहने का अनुमान लगाया है। दूसरी एनटिटी के शेयर का प्राइस का 160 रुपये का अनुमान लगाया है। अगर सेल्स तेजी से नहीं बढ़ती है तो इसका असर कैश फ्लो जेनरेशन पर पड़ सकता है और नेट डेट और बढ़ सकता है।

तेजस नेटवर्क्स के स्टॉक में 20 फीसदी तेजी आई। इसमें अपर सर्किट लग गया। इसकी वजह चौथी तिमाही में कंपनी के अच्छे नतीजे हैं। बुल्स की दलील है कि कंपनी का प्रदर्शन एनालिस्ट की उम्मीद से बेहतर हैं। Emkay का मानना है कि बीएसएनएल, भारतनेट-3 और रेलवे के कवच सिस्टम पर सरकार के फोकस बढ़ाने का फायदा तेजस नेटवर्क्स के स्टॉक्स को मिलेगा। उधर, बेयर्स की दलील है कि वैल्यूएशंस ट्रेलिंग 12 महीने की अर्निंग्स की 295 गुना हो गई है, जो काफी ज्यादा है। कंपनी को यह साबित करना होगा कि उसके आगे के नतीजे भी मार्च तिमाही के प्रदर्शन जैसे होंगे।

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