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Nifty छू सकता है 1 लाख का जादुई स्तर, विकास खेमानी ने कहा- मिड-स्मॉलकैप हैं असली खजाना!

Nifty छू सकता है 1 लाख का जादुई स्तर, विकास खेमानी ने कहा- मिड-स्मॉलकैप हैं असली खजाना! - nifty can touch the magical figure of 1 lakh vikas khemani said mid smallcaps are the real treasure - बिज़नेस स्टैंडर्ड

क्या निवेशकों को 2024 में बाजार में अधिक अस्थिरता के लिए तैयार रहना चाहिए? क्या इस साल बाजार में इंट्रा-डे उतार-चढ़ाव में और तेजी आएगी। 

विश्लेषक मानते हैं कि भले ही 2024 में बाजार रिटर्न थोड़ा कम रहे, फिर भी उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं। इसका कारण भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और अमेरिका में अप्रत्याशित महंगाई बढ़ना हो सकता है, जिनका पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन लंबी अवधि की बात करें तो भारत का बाजार काफी मजबूत दिख रहा है। 2035 तक भारतीय बाजार का आकार 4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 18-20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। साथ ही निफ्टी 50 भी 2035 तक 100,000 अंक तक पहुंचने का अनुमान है। इतना बड़ा धन निर्माण का अवसर सामने होने पर निवेशकों को सिर्फ लॉन्ग टर्म नजरिया रखना चाहिए। छोटे समय की अस्थिरता को जोखिम न समझकर उसे अवसर के रूप में देखना चाहिए।

अच्छी बात ये है कि भारत की कमजोरियां रहीं चालू खाता घाटा, कमजोर राजकोष और कमजोर बैंकिंग सिस्टम अब चिंता का विषय नहीं रह गई हैं। इसका मतलब है कि आने वाला समय कम अस्थिरता वाला होगा जो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए फायदेमंद है।

कौन सी बात ‘भारत अमृतकाल फंड’ को सबसे अलग करती है? जबकि बाजार में पहले से ही कई ऐसे फंड मौजूद हैं

कारेलियन भारत अमृतकाल फंड को इस भरोसे के साथ बनाया गया है कि भारत 2047 तक विकसित देश बन जाएगा। इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो कई नए क्षेत्रों और उद्योगों को जन्म देगा और भारी धन निर्माण का रास्ता खोलेगा। यह फंड उन कंपनियों पर दांव लगाता है जो आने वाले समय में भारत में उभरने वाले सात बड़े ट्रेंड से लाभ उठाएंगी। ये ट्रेंड वित्तीय सेवाओं, पर्यटन, फार्मास्यूटिकल्स, विलासिता उपभोग, ईएमएस, रक्षा, शिक्षा और शोध जैसे पांच प्रमुख क्षेत्रों में तेजी से विकास को बढ़ावा देंगे। कुल मिलाकर, कारेलियन का मानना है कि भारत एक ऐसा देश है जहां निवेश से जीवन भर में एक बार मिलने वाला धन निर्माण का अवसर मिल सकता है। इसलिए, अमृतकाल फंड उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो भारत की लंबी अवधि की विकास गाथा में शामिल होना चाहते हैं।

क्या इक्विटी बाजारों, विशेषकर मिड-कैप और स्मॉल-कैप में जल्दी पैसा कमाने का समय  बीत गया है?

निवेश की समय सीमा काफी मायने रखती है। हम मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों को बेहतरीन निवेश विकल्प के रूप में देखते हैं। 10-15 साल के लंबे नजरिए से देखें तो, जैसा कि अतीत में भी हुआ है, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियां बड़े सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, 2001 में भारत में सिर्फ 20 ही कंपनियां थीं जिनकी मार्केट कैपिटल (बाजार पूंजीकरण) 1 बिलियन डॉलर से अधिक थी। आज यह संख्या 512 से भी ज्यादा हो चुकी है। इससे साफ पता चलता है कि छोटी और मध्यम कंपनियों ने कितनी तेजी से तरक्की की है। हमारी उम्मीद है कि यह संख्या बढ़कर 5,000 तक पहुंच जाएगी।

अगर मूलभूत बातों पर गौर करें तो विकास और इक्विटी पर रिटर्न (ROE) के मामले में भारत किसी भी उभरते देश से बेहतर स्थिति में है। किसी भी संपत्ति की कीमत चार कारकों – ROE, विकास, ब्याज दरों और जोखिम प्रीमियम – के आपसी संबंध पर निर्भर करती है। इन सभी कारकों में भारत किसी भी समय की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति में है और दूसरे बाजारों के मुकाबले भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

तो फिर सवाल उठता है कि अगर भारत इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, तो लोग उसके ऊंचे मूल्यांकन को लेकर सवाल क्यों खड़े कर रहे हैं और चिंता जता रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि बाजार में कोई जोखिम नहीं है या अस्थिरता नहीं आएगी। बेशक, कुछ क्षेत्रों में जरूरत से ज्यादा उत्साह है, जिनसे निवेशकों को बचना चाहिए, लेकिन पूरे बाजार से दूर भागने की जरूरत नहीं है।

आपके सबसे बढ़िया दांव/बाजार रणनीतियां क्या रही हैं?

हमारे “मैजिक फ्रेमवर्क” ने मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में शुरुआती ट्रेंड को पकड़ने में काफी मदद की है, और भारत के मामले में हमें लगातार सकारात्मक रूप से चौंकाता रहा है। उदाहरण के लिए, 2023 में हमने कुछ चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSE), बिजली कंपनियों, फार्मा कंपनियों और खास सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयर खरीदे थे, जिनका प्रदर्शन हमारे लिए काफी अच्छा रहा। हमने बिजली क्षेत्र में खासतौर पर निवेश किया क्योंकि इस क्षेत्र में भारी निवेश हो रहा है। हम इसे एक ग्लोबल ट्रेंड के रूप में देखते हैं। इसी तरह बिजली क्षेत्र की सहायक कंपनियां भी अच्छा प्रदर्शन करेंगी, इस बात की भी हम उम्मीद रखते हैं।

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