मार्च में स्मॉलकैप फंडों (Small Cap Funds) में शुद्ध निवेश 30 महीने में पहली बार भले ही ऋणात्मक हो गया हो लेकिन ये फंड नए निवेशक जोड़ने में अग्रणी बने रहे। स्मॉलकैप फंड श्रेणी में पिछले महीने शुद्ध रूप से 3.60 लाख नए खाते जुड़े। यह इक्विटी श्रेणी में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।
विशेषज्ञों ने कहा कि स्मॉलकैप फंडों की ओर लगातार झुकाव की वजह विभिन्न समयावधि में उनका मजबूत प्रदर्शन होना रहा है। उम्दा प्रदर्शन करने वाले अग्रणी फंडों की सूची में स्मॉल और मिडकैप योजनाओं का वर्चस्व है, खास तौर से पांच साल व 10 साल की अवधि में। स्मॉलकैप फंडों की श्रेणी के मुकाबले छह गुना से ज्यादा योजनाओं वाली सेक्टोरल और थिमेटिक फंड श्रेणी मार्च में 8.17 लाख नए खाते जोड़कर अव्वल रहीं।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार मिडकैप फंडों ने कम जोखिम वाले लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप फंडों के मुकाबले ज्यादा खाते जोड़ने में भी कामयाबी पाई। मिडकैप योजनाओं ने करीब 3 लाख खाते जोड़े। लार्जकैप फंडों ने 1.79 लाख और फ्लेक्सीकैप फंडों ने 2,56,600 खाते जोड़े।
स्मॉलकैप फंडों ने खातों के मामले में दूसरी सबसे बड़ी संख्या जोड़ी जबकि खातों का उनका मासिक शुद्ध जुड़ाव जनवरी के 9.78 लाख के सर्वोच्च स्तर का एक तिहाई रहा। हालांकि पिछले दो महीने में खाते जोड़ने में गिरावट आई और शुद्ध निवेश में नरमी देखी गई लेकिन इसकी वजह नियामक की चेतावनी के बीच स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों का स्ट्रेस टेस्ट और उनमें उतारचढ़ाव होना रहा है।
फरवरी में बाजार नियामक सेबी ने फंडों को निर्देश दिया था कि वे स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में बन रहे कथित बुलबुले से निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं। उन्हें निवेशक सुरक्षा फ्रेमवर्क बनाने और अतिरिक्त खुलासा करने मसलन अपने पोर्टफोलियो की 50 फीसदी हिस्से को नकदी में बदलने पर लगने वाले समय और निवेशक संकेंद्रण के बारे में बताने को कहा गया था।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स मार्च में 4.4 फीसदी टूट गया लेकिन इस महीने यह खासा सुधरा है और अप्रैल में 6.6 फीसदी तक चढ़ा है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स ने मार्च की समाप्ति 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ की। विश्लेषकों के मुताबिक स्मॉलकैप और मिडकैप क्षेत्र महंगा बना हुआ है और निवेशकों को इनमें किस्तों में निवेश करना चाहिए।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि इक्विटी बाजार को लेकर हमारा सकारात्मक रुख बना हुआ है। भाव अपेक्षाकृत महंगे हैं लेकिन कंपनियों के लाभ और भारत के आर्थिक हालात और मजबूत नकदी प्रवाह में सुधार के अनुमान को देखते हुए हम इस प्रीमियम के बने रहने की संभावना जता रहे हैं।
कई स्मॉलकैप व मिडकैप शेयर वाकई काफी महंगे हैं। स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों में निवेश थोड़ा-थोड़ा किया जाना चाहिए।
काफी ज्यादा नए खाते खुलने के साथ स्मॉलकैप फंडों में सकल निवेश मार्च में उच्चस्तर पर बना रहा। उन्होंने कुल मिलाकर 5,700 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया जो ऐक्टिव इक्विटी फंड की श्रेणियों में तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। शुद्ध रूप से 94 करोड़ रुपये की निवेश निकासी मुनाफावसूली का नतीजा था क्योंकि निवेशकों ने गिरावट के दौर में 5,800 करोड़ रुपये की निकासी की।