अमारा राजा का प्रदर्शन वित्त वर्ष 2024-25 में मिलाजुला रहा। साल दर साल आधार पर रेवेन्यू 9.7 फीसदी बढ़ा। लेकिन, एबिड्टा 2.5 फीसदी घटा। मार्जिन भी साल दर साल आधार पर 158 बेसिस प्वाइंट्स घटकर 12.6 फीसदी पर आ गया। अगर चौथी तिमाही की बात की जाए तो इस दौरान मार्जिन साल दर साल आधार पर 297 बेसिस प्वाइंटस घटकर 11.1 फीसदी पर आ गया। मैटेरियल कॉस्ट बढ़ने की वजह से ऐसा हुआ। पावर कॉस्ट में उतारचढ़ाव का असर भी मार्जिन पर पड़ा।
इंडस्ट्रियल बैट्री का वॉल्यूम घटा
Amara Raja Energy अपने कैश रिच बिजनेस के दम पर लिथियम और एनर्जी स्टोरेज प्लेटफॉर्म बनाने की कोशिश कर रही है। अभी कंपनी के रेवेन्यू में Lead-acid बिजनेस की 95 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बिजनेस का वॉल्यूम अच्छा बना हुआ है। चौथी तिमाही में 4W OEM वॉल्यूम साल दर साल आधार पर 15 फीसदी बढ़ा। 2W बैटरीज का वॉल्यूम 13 फीसदी बढ़ा। इनवर्टर बैट्रीज का वॉल्यूम 17 फीसदी बढ़ा। हालांकि, इंडस्ट्रियल बैट्रीज के वॉल्यूम में कमी देखने को मिली, जिसकी वजह टेलीकॉम बैट्री वॉल्यूम में साल दर साल आधार पर 15 फीसदी गिरावट रही।
कंपनी ने फिर से 14 फीसदी मार्जिन पर बढ़ाया फोकस
कंपनी के मार्जिन में गिरावट की सबसे बड़ी वजह एंटीमनी की कीमतों में तेज उछाल थी। lead-Acid एलॉयज बनाने में इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है। मैनेजमेंट का कहना है कि ये चुनौतियां इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में भी बनी रहेगी। हालांकि, कंपनी का फोकस मार्जिन फिर से 14 फीसदी तक लाने पर है। कंपनी ने इस साल अप्रैल में कीमतों में 2 फीसदी इजाफा किया। इसके अलावा इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ट्यूबुलर बैट्री का नाया प्लांट शुरू होने से भी मार्जिन में रकवरी की उम्मीद है।
FY25 में 1,250 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च
अमारा राजा ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया। इसमें ट्यूबलर बैट्री रीइंस्टैट्मेंट पर 400 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है। कंपनी ने 500 करोड़ रुपये का निवेश लीड-एसिड के विस्तार पर किया। 300 करोड़ रुपये का निवेश NEB से संबंधित प्रोजेक्ट्स पर किया। कंपनी इस वित्त वर्ष में भी करीब इतना ही पूंजीगत खर्च करेगी। हालांकि, इसमें NEB एग्जिक्यूशन की हिस्सेदारी ज्यादा होगी।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
कंपनी के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 16 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। कोर बिजनेस से कंपनी का कैश फ्लो स्टेबल बना हुआ है। बीते एक साल में यह स्टॉक करीब 30 फीसदी टूटा है। इससे शेयरों की वैल्यूएशन कम हुई है। ऐसे में गिरावट आने पर इस स्टॉक में निवेश बढ़ाया जा सकता है।
