दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया, अब इसका नाम इटर्नल है।
ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो (इटर्नल) के शेयरों में गुरुवार को 6% की तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी का शेयर 13 रुपए उछलकर ₹259 के स्तर पर पहुंच गया है। बीते 5 दिनों में शेयर 12% से ज्यादा चढ़ा है।
जोमैटो के शेयर में तेजी का कारण ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की बाय रेटिंग को माना जा रहा है। फर्म ने जोमैटो का टारगेट प्राइस ₹320 रखा है, जो मौजूदा स्तर से 33% की तेजी की दिखता है। ब्रोकरेज ने कंपनी की फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेक्टर की टॉप पिक बताया है।
इसके लिए कंपनी की लीडरशिप, मजबूत बैलेंस शीट और एफिशिएंट कॉस्ट स्ट्रक्चर को वजह माना है। ब्रोकरेज ने शेयर का प्राइस फ्लोर 200-220 रुपए बताया है।

6 महीने में 22% चढ़ा जोमैटो का शेयर
जोमैटो के शेयर ने एक हफ्ते में यह 13% और 6 महीने में 22% का रिटर्न दिया है। बीते एक महीने में जोमैटो ने 8% और एक साल में 23% का रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 2.35 लाख करोड़ रुपए है।
एक साल में 63% बढ़ी जोमैटो की कमाई
जोमैटो ने 1 मई को चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में 6,201 करोड़ रुपए की कुल कमाई की है। यह पिछले साल के मुकाबले 63% ज्यादा है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 3,797 करोड़ रुपए की कमाई की थी।
कुल कमाई में से कर्मचारियों की सैलरी और टैक्स जैसे खर्चे निकाल दें तो कंपनी के पास 39 करोड़ रुपए शुद्ध मुनाफे (कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट) के रूप में बचे। सालाना आधार (2024 के जनवरी-मार्च) पर यह 77.71% कम हुआ है। वहीं, पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले यह 33.90% घटा है।
रेवेन्यू 64% बढ़कर ₹5,833 करोड़
चौथी तिमाही (Q4FY25) में जोमैटो ने संचालन (प्रोडक्ट-सर्विस बेचकर) 5,833 करोड़ रुपए का राजस्व यानी रेवेन्यू जनरेट किया। पिछले साल के जनवरी-मार्च के मुकाबले यह 63.76% बढ़ा है। जनवरी-मार्च 2024 में कंपनी ने 3,562 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था।

जोमैटो ने 15 मिनट में डिलीवरी सर्विस बंद की
जोमैटो (इटर्नल) ने 15 मिनट में क्विक डिलीवरी सर्विस को बंद कर दिया है। यह फीचर चार महीने पहले ही लॉन्च किया गया था। इसे बेंगलुरु, गुरुग्राम, हैदराबाद, मुंबई जैसी मेट्रो सिटी में हैवी एडवर्टाइजमेंट के साथ पेश किया गया था। जोमैटो क्विक, यूजर्स को 2 किलोमीटर के दायरे में 15 मिनट के अंदर रेडी-टू-ईट फूड ऑप्शन देता था।
दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे
- दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ी रेस्टोरेंट डायरेक्टरी बन गई।
- दो साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में अपनी सफलता के तुरंत बाद कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलानी शुरू कर दी।
- 2012 तक जोमैटो ने श्रीलंका, यूएई, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूके और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।
- जोमैटो देश का पहला फूड-टेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
- जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।
