Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में आज 9 मई को पिछले एक महीने का सबसे बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिला। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़े तनाव ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया है, जिसके चलते आज बिकवाली देखने को मिली। सुबह 10.06 बजे के करीब सेंसेक्स 971.42 अंक या 1.21 फीसदी गिरकर 79,363.39 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 319 अंक या 1.31 फीसदी टूटकर 23,954.75 के स्तर पर आ गया था। निफ्टी के सभी 13 सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इसके चलते निवेशकों की संपत्ति शुरुआती घंटे में करीब 5 लाख करोड़ रुपये तक कम हो गई।
शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 3 बड़े कारण क्या रहे, आइए जानते हैं-
1. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की दरम्यिानी रात को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती इलाकों में मिसाइल और ड्रोन से हमले किए। भारतीय सशस्त्र बलों ने सभी मिसाइलों और ड्रोन को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती इलाकों में मिसाइल हमले किए। भारतीय सशस्त्र बलों ने सभी मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही इंटरसेप्ट करके सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
हमलों के बीच जम्मू, जलंधर, होशियारपुर और जैसलमेर समेत कई शहरों में पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है और कुछ उड़ानों पर हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के चलते असर पड़ा है। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने सभी उड़ानों के लिए सेकेंडरी लैडर जांच को अनिवार्य किया है और एयरपोर्ट टर्मिनल में विजिटर्स के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
देश भर के 27 एयरपोर्ट्स पर परिचालन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इससे पहले भारतीय सेना ने बुधवार 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई पिछले महीने पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद की गई।
NAV कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत अरोड़ा ने बताया, “अगर संघर्ष लंबे समय तक चला तो इससे बाजार में पूंजी प्रभावित होगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।” उन्होंने कहा, “यह संघर्ष भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूद भू-राजनीतिक जोखिमों की याद दिलाता है और निकट भविष्य में बाजार की गति को धीमा कर सकता है।”
2. इंडिया VIX में तेज उछाल
बाजार की अस्थिरता को मापने वाला वोलैटिलिटी इंडेक्स, इंडिया VIX शुक्रवार को 21.01 के स्तर पर पहुंच गया, जो 9 अप्रैल के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। यह उछाल दिखाता है कि शेयर बाजार में डर और अनिश्चितता बढ़ गई है। CapGrow Capital के फंड मैनेजर अरुण मल्होत्रा ने कहा, “इस तरह की उतार-चढ़ाव की स्थितियां बनी रहेंगी क्योंकि तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है।”
3. भारतीय रुपये में कमजोरी
सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय रुपये में भी शुक्रवार को भी गिरावट आई। एक दिन पहले गुरुवार को भी रुपये में पिछले दो साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय शुक्रवार को 12 पैसे गिरकर 85.84 पर खुला, जो गुरुवार के 84.72 के मुकाबले और भी कमजोर है। इस महीने अब तक भारतीय रुपये में करीब 1.47 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इससे पहले मार्च और अप्रैल में भी भारतीय रुपये में गिरावट आई थी।
Matthews Asia के पोर्टफोलियो मैनेजर पीयूष मित्तल ने कहा, “इस तरह की घटनाएं निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा करती हैं, जिससे वे फैसले लेने में सतर्क हो जाते हैं।
