Zomato की दुनिया से एक बड़ी खबर सामने आई है। कंपनी के फूड डिलीवरी बिजनेस के CEO, Rakesh Ranjan ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब कंपनी के संस्थापक और CEO दीपिंदर गोयल खुद इस जिम्मेदारी को संभालने जा रहे हैं. इसका मतलब है कि अब Zomato की टेक और टेबल दोनों की कमान एक ही शख्स के हाथ में होगी. Zomato के फूड डिलीवरी ऑपरेशंस में ये लगातार दूसरा बड़ा इस्तीफा है, इससे पहले फूड डिलिवरी के COO, Rinshul Chandra ने भी अपनी भूमिका से इस्तीफा दे दिया था. ये कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट से हुआ हालिया दूसरा बड़ा एग्जिट है. और इसने एक बार फिर Zomato की लीडरशिप स्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
क्यों छोड़ी Rakesh Ranjan ने अपनी पोस्ट?
Zomato की तरफ से कोई सीधा कारण नहीं बताया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह फैसला बिजनेस सिंप्लिफिकेशन और स्ट्रक्चर री-अलाइनमेंट के तहत लिया गया है. Rakesh Ranjan पिछले कुछ समय से Zomato के डिलीवरी बिजनेस को लीड कर रहे थे और कई अहम बदलावों का हिस्सा भी रहे.
अब क्या करेंगे Deepinder Goyal?
Zomato के फाउंडर दीपिंदर गोयल अब कंपनी के तीन बड़े वर्टिकल्स को सीधे लीड करेंगे. इसमें फूड डिलीवरी (Food Delivery), Blinkit (ग्रोसरी डिलीवरी), Hyperpure (B2B सप्लाई चेन) शामिल है. इसके अलावा वे “Going-out” बिजनेस को भी देख रहे हैं जिसमें रेस्टोरेंट बुकिंग और Zomato Live इवेंट्स शामिल हैं.
बिजनेस स्ट्रैटेजी क्या है?
Zomato अब एक CEO Model पर शिफ्ट हो रही है, जिसमें हर वर्टिकल अलग-अलग CEO के बजाय फाउंडर की डायरेक्ट निगरानी में रहेगा. इससे डिसीजन लेने की प्रक्रिया तेज होगी और बिजनेस एक ही दिशा में बढ़ेगा. Deepinder Goyal के मुताबिक, हम अब एक ‘One Zomato’ अप्रोच की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां टेक, ऑपरेशंस और पर्सनलाइज्ड कस्टमर एक्सपीरियंस एक साथ मिलकर काम करेंगे.
क्या होगा इस बदलाव का असर?
1. फोकस्ड लीडरशिप: फाउंडर खुद बिजनेस को चलाएंगे, जिससे कंट्रोल और फ्लेक्सिबिलिटी दोनों बढ़ेगा.
2. फास्ट पेस डिसीजन मेकिंग: कम वक्त में बड़े फैसले लिए जा सकेंगे.
3. Investors को सिग्नल: बिजनेस को लेकर फाउंडर की डायरेक्ट इनवॉल्वमेंट लंबे समय की स्थिरता दिखाता है.
Zomato के लिए आगे क्या?
Zomato इस वक्त ग्रोथ के फेज में है. खासकर Blinkit और Hyperpure जैसे वर्टिकल्स में ज्यादा काम हो रहा है. Deepinder Goyal के नेतृत्व में कंपनी और ज्यादा Customer centric, Tech driven और Operationally Efficient बनने की कोशिश करेगी. Zomato में लीडरशिप में ये बदलाव सिर्फ एक पोस्ट का ट्रांजिशन नहीं है, बल्कि एक बिजनेस माइंडसेट शिफ्ट है, जहां अब Zomato “कई हिस्सों वाली कंपनी” नहीं बल्कि एक सिंगल यूनिफाइड ब्रांड के रूप में उभरने जा रही है. अब देखना ये होगा कि दीपिंदर गोयल की ये ‘One Zomato’ थ्योरी कितना असर दिखाती है और क्या Zomato वाकई यूज़र्स और इन्वेस्टर्स दोनों की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगी.
